गर्भावस्था हर महिला के लिए एक अनमोल यात्रा होती है। यह समय उत्साह, उम्मीद और थोड़े‑से डर से भरा होता है। खासकर गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने बेहद संवेदनशील माने जाते हैं। इस दौरान ज़रा‑सी लापरवाही गर्भपात का कारण बन सकती है। लेकिन अगर सही सावधानियां बरती जाएं, तो मां और शिशु—दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
आईए जानते हैं वे जरूरी बातें जिन पर ध्यान देना हर होने वाली मां के लिए ज़रूरी है:
गर्भधारण के शुरुआती दिनों में मां का मानसिक स्वास्थ्य बेहद अहम होता है। अत्यधिक तनाव या चिंता सीधे हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकती है।
मां के खाने का सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है।
शुरुआती दिनों में भारी सामान उठाना, तेज भागदौड़ करना या ज़्यादा थकावट वाली गतिविधियां गर्भपात का खतरा बढ़ा सकती हैं।
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अक्सर महिलाएं छोटी‑मोटी बीमारियों के लिए अपनी मर्जी से दवाइयां खाने लगती हैं। लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने दवा के प्रभाव के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील होते हैं।
संक्रमण कई बार गर्भपात का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में नियमित जांच न केवल मां की सेहत बल्कि शिशु के विकास के लिए भी जरूरी है।
गर्भपात या भ्रूण में असमान्यताओं का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान और शराब है।
गर्भावस्था जीवन का सबसे सुंदर लेकिन सबसे नाजुक समय होता है। शुरुआती दिनों में अपनी और गर्भस्थ शिशु की देखभाल करना, आप दोनों को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाता है।
Maaeri IVF Centre, नोएडा में हम मानते हैं कि हर मां को निश्चिंत गर्भावस्था का अनुभव मिलना चाहिए। अगर आपको शुरुआती प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की समस्या या लक्षण दिखाई दें, तो देर न करें, तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें।
सही जानकारी, सही सावधानियां और समय पर इलाज—यही कुंजी है गर्भपात से बचाव की।