गर्भपात रोकने के लिए गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में जरूरी सावधानियां

गर्भपात रोकने के लिए शुरुआती गर्भावस्था में सावधानियां

गर्भावस्था हर महिला के लिए एक अनमोल यात्रा होती है। यह समय उत्साह, उम्मीद और थोड़े‑से डर से भरा होता है। खासकर गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने बेहद संवेदनशील माने जाते हैं। इस दौरान ज़रा‑सी लापरवाही गर्भपात का कारण बन सकती है। लेकिन अगर सही सावधानियां बरती जाएं, तो मां और शिशु—दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

आईए जानते हैं वे जरूरी बातें जिन पर ध्यान देना हर होने वाली मां के लिए ज़रूरी है:

1. तनाव से दूरी बनाएं

गर्भधारण के शुरुआती दिनों में मां का मानसिक स्वास्थ्य बेहद अहम होता है। अत्यधिक तनाव या चिंता सीधे हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकती है।

  • मेडिटेशन, हल्की प्राणायाम, सुकून देने वाला संगीत और पर्याप्त नींद तनाव कम करने में मददगार हैं।
  • खुद को अकेला महसूस होने पर अपने जीवनसाथी या परिवार से बात करें।

2. संतुलित आहार लें

मां के खाने का सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है।

  • भोजन में हरी सब्ज़ियां, ताज़े फल, दूध और प्रोटीन से भरपूर आहार जरूर शामिल करें।
  • बहुत ज्यादा कैफीन, पैकेज्ड फूड और तैलीय भोजन से बचें।
  • फोलिक एसिड और आयरन की सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह से नियमित लें।

3. अत्यधिक शारीरिक मेहनत से बचें

शुरुआती दिनों में भारी सामान उठाना, तेज भागदौड़ करना या ज़्यादा थकावट वाली गतिविधियां गर्भपात का खतरा बढ़ा सकती हैं।

  • योग या हल्की वॉक डॉक्टर की सलाह से करें।
  • घर का काम करते समय अपने शरीर की सीमाओं का ध्यान रखें।

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4. दवाइयों में लापरवाही न करें

अक्सर महिलाएं छोटी‑मोटी बीमारियों के लिए अपनी मर्जी से दवाइयां खाने लगती हैं। लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने दवा के प्रभाव के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील होते हैं।

  • हर दवा लेने से पहले स्त्री‑रोग विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।
  • किसी भी प्रकार की एलर्जी या ब्लीडिंग की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

5. साफ‑सफाई और संक्रमण से बचाव

संक्रमण कई बार गर्भपात का कारण बन सकता है।

  • पेशाब या प्रजनन तंत्र के संक्रमण को नज़रअंदाज़ न करें।
  • व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • बाहर का बासी या अधपका खाना खाने से बचें।

6. नियमित डॉक्टर चेक‑अप

गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में नियमित जांच न केवल मां की सेहत बल्कि शिशु के विकास के लिए भी जरूरी है।

  • सोनोग्राफी और ब्लड टेस्ट की जांचें समय पर कराएं।
  • अगर तीव्र दर्द, असामान्य ब्लीडिंग या कमजोरी महसूस हो तो तुरंत अस्पताल पहुंचें।

7. धूम्रपान और शराब से दूरी

गर्भपात या भ्रूण में असमान्यताओं का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान और शराब है।

  • अगर पहले से यह आदत है, तो गर्भधारण के साथ ही छोड़ दें।
  • सेकेंड हैंड स्मोक (यानी दूसरों का धुआं) भी उतना ही हानिकारक है।

निष्कर्ष

गर्भावस्था जीवन का सबसे सुंदर लेकिन सबसे नाजुक समय होता है। शुरुआती दिनों में अपनी और गर्भस्थ शिशु की देखभाल करना, आप दोनों को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाता है।

Maaeri IVF Centre, नोएडा में हम मानते हैं कि हर मां को निश्चिंत गर्भावस्था का अनुभव मिलना चाहिए। अगर आपको शुरुआती प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की समस्या या लक्षण दिखाई दें, तो देर न करें, तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें।

सही जानकारी, सही सावधानियां और समय पर इलाज—यही कुंजी है गर्भपात से बचाव की।

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