भ्रूण स्थानांतरण के 7वें दिन दिखने वाले लक्षण

भ्रूण स्थानांतरण के बाद 7वें दिन दिखने वाले प्रमुख लक्षण

IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) की प्रक्रिया उन दंपतियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आती है, जो लंबे समय से संतान सुख की प्रतीक्षा कर रहे हैं। IVF का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है – भ्रूण स्थानांतरण (Embryo Transfer)। यह वह क्षण है जब भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है ताकि वह गर्भधारण की प्रक्रिया शुरू कर सके। भ्रूण स्थानांतरण के बाद के शुरुआती 2 हफ्ते बेहद संवेदनशील और उत्सुकता भरे होते हैं, क्योंकि इसी दौरान यह तय होता है कि गर्भधारण सफल हुआ है या नहीं।

विशेषकर 7वां दिन बेहद अहम माना जाता है। इस समय शरीर में ऐसे कई लक्षण नजर आ सकते हैं, जो सफल इम्प्लांटेशन (Implantation) की ओर इशारा करते हैं। आइए जानते हैं कि भ्रूण स्थानांतरण के 7वें दिन कौन-कौन से प्रमुख लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

1. हल्का रक्तस्राव या धब्बे (Spotting)

यदि भ्रूण गर्भाशय की परत से सफलतापूर्वक जुड़ जाता है, तो कई बार हल्की ब्लीडिंग या गुलाबी/भूरे रंग के धब्बे दिखाई दे सकते हैं। इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है। यह स्थिति सामान्य है और घबराने की आवश्यकता नहीं होती।

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2. हल्का पेट दर्द या क्रैम्प्स

गर्भाशय की परत में भ्रूण के जुड़ने से पेट के निचले हिस्से में हल्के खिंचाव या हल्का दर्द महसूस हो सकता है। यह स्थिति भी सामान्य है और यह गर्भधारण की प्रक्रिया का संकेत हो सकता है।

3. थकान और कमजोरी

भ्रूण के इम्प्लांट होने के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं। इसी कारण महिलाएँ असामान्य थकान, नींद महसूस करना या ऊर्जा की कमी महसूस कर सकती हैं।

4. स्तनों में संवेदनशीलता या भारीपन

प्रोजेस्टेरोन स्तर बढ़ने के कारण स्तनों में सूजन, दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। यह भी गर्भधारण की ओर इशारा करने वाला सामान्य लक्षण है।

5. मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन

हार्मोनल परिवर्तन न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करते हैं। IVF के मरीजों में 7वें दिन मूड स्विंग, बेचैनी या हल्का तनाव महसूस होना आम बात है।

6. शरीर का तापमान हल्का बढ़ना

कई बार महिलाएँ नोटिस करती हैं कि बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) हल्का बढ़ा रहता है। यह भी संकेत है कि शरीर में हार्मोनल परिवर्तन हो रहे हैं।

7. भूख और मतली में बदलाव

कुछ महिलाओं को इस चरण में भूख कम या ज्यादा लग सकती है, कभी-कभी हल्की मतली या खाने-पीने के प्रति संवेदनशीलता भी हो सकती है। यह प्रारंभिक गर्भावस्था जैसे लक्षण हैं, हालांकि हर किसी में ये लक्षण जरूरी नहीं होते।

ध्यान देने योग्य बातें

  • सभी महिलाओं में ये लक्षण समान रूप से नहीं दिखाई देते।
  • यदि किसी महिला को इन लक्षणों में से कोई भी न दिखे तो इसका अर्थ यह नहीं है कि IVF असफल रहा है।
  • IVF के परिणाम का सही पता केवल बीटा hCG ब्लड टेस्ट द्वारा भ्रूण स्थानांतरण के लगभग 12–14 दिन बाद ही चल सकता है।

निष्कर्ष

भ्रूण स्थानांतरण के बाद का समय उम्मीदों और भावनाओं से भरा होता है। 7वें दिन शरीर में कुछ बदलाव नजर आ सकते हैं जो इम्प्लांटेशन के संकेत हो सकते हैं, लेकिन यह हर महिला के अनुभव पर निर्भर करता है। यदि आपको किसी भी तरह की असामान्य परेशानी जैसे तेज रक्तस्राव, अत्यधिक दर्द या चक्कर आने जैसी समस्या हो, तो तुरंत अपने IVF विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Maaeri IVF Centre, हम आपको सम्पूर्ण मार्गदर्शन और सहानुभूतिपूर्ण देखभाल प्रदान करते हैं ताकि आपकी मातृत्व यात्रा सफल हो। विश्वास रखें, सकारात्मक रहें और अपने विशेषज्ञ की सलाह का पालन करें।

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