एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया में अंतर: कारण, लक्षण और इलाज

एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया में अंतर: कारण, लक्षण और इलाज

पुरुष बांझपन (Male Infertility) से जुड़े कई मेडिकल टर्म्स को अक्सर लोग एक-दूसरे से मिलाकर देख लेते हैं। इनमें से दो सबसे आम शब्द हैं – एस्पर्मिया (Aspermia) और एज़ोस्पर्मिया (Azoospermia)। पहली नज़र में ये मिलते-जुलते लग सकते हैं, लेकिन दोनों अलग स्थितियां हैं और इनके इलाज का तरीका भी अलग होता है। आइए समझते हैं इनके बीच का अंतर, कारण, लक्षण और उपलब्ध उपचार।

एस्पर्मिया क्या है?

एस्पर्मिया का मतलब है वीर्य का बिल्कुल न बनना या स्खलन (Ejaculation) के दौरान वीर्य का बाहर न आना।

  • यह स्थिति बहुत कम देखने को मिलती है।
  • अक्सर इसका कारण नर्व से जुड़ी समस्या, हार्मोनल गड़बड़ियां या प्रजनन अंगों की कार्यप्रणाली में दिक्कत होती है।

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एज़ोस्पर्मिया क्या है?

एज़ोस्पर्मिया का मतलब है कि वीर्य में शुक्राणु (Sperm) मौजूद ही नहीं हैं। इस स्थिति में व्यक्ति स्खलन तो करता है, लेकिन वीर्य में कोई स्पर्म नहीं होता।

  • यह स्थिति पुरुष बांझपन का एक प्रमुख कारण है।
  • हर 10-15% पुरुषों में बांझपन के पीछे इसका योगदान पाया जाता है।

एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया में अंतर

विशेषता

एस्पर्मिया (Aspermia)

एज़ोस्पर्मिया (Azoospermia)

परिभाषा

स्खलन के समय वीर्य न निकलना

वीर्य में स्पर्म का न होना

कारण

नर्व समस्या, ब्लॉकेज, हार्मोनल गड़बड़ी

टेस्टिकुलर फेल्योर, जेनेटिक वजहें, ब्लॉकेज

प्राथमिक लक्षण

वीर्य का बिल्कुल न आना

वीर्य में स्पर्म की अनुपस्थिति

बांझपन पर असर

प्राकृतिक गर्भधारण असंभव

प्राकृतिक गर्भधारण असंभव

मुख्य कारण

(क) एस्पर्मिया के कारण

  • तंत्रिका तंत्र की समस्या (Neurological Issue)
  • प्रोस्टेट सर्जरी या पेल्विक एरिया में चोट
  • हार्मोनल असंतुलन
  • रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या

(ख) एज़ोस्पर्मिया के कारण

  • प्रोडक्टिव (Non-Obstructive): जब अंडकोष (Testis) स्पर्म बनाना ही बंद कर देता है।
  • ऑब्स्ट्रक्टिव (Obstructive): जब स्पर्म टेस्टिस में बनते तो हैं लेकिन बाहर निकलने का रास्ता ब्लॉक होता है।
  • जेनेटिक कारण (जैसे Y-क्रोमोसोम की कमी)
  • संक्रमण, चोट या सर्जरी

लक्षण

एस्पर्मिया

  • स्खलन के समय वीर्य का बिल्कुल न आना
  • यौन सुख में कमी
  • बांझपन की समस्या

एज़ोस्पर्मिया

  • सामान्य वीर्य स्खलन लेकिन उसमें स्पर्म मौजूद नहीं
  • लंबे समय तक गर्भधारण में असफलता
  • हार्मोनल असंतुलन के लक्षण, जैसे शरीर पर कम बाल आना, थकान

जांच (Diagnosis)

डॉक्टर आमतौर पर निम्नलिखित टेस्ट सुझाव देते हैं:

  • वीर्य विश्लेषण (Semen Analysis)
  • हार्मोन टेस्ट (FSH, LH, Testosterone)
  • अल्ट्रासाउंड या स्कैन
  • जेनेटिक टेस्ट
  • बायोप्सी (Testicular Biopsy)

उपचार (Treatment)

एस्पर्मिया का इलाज

  • दवाइयों और हार्मोन थैरेपी
  • जीवनशैली में बदलाव
  • शल्यचिकित्सा अगर ब्लॉकेज हो
  • रेट्रोग्रेड इजैकुलेशन में वीर्य को मूत्र से निकालकर IVF/ICSI में उपयोग किया जा सकता है।

एज़ोस्पर्मिया का इलाज

  • ब्लॉकेज दूर करने के लिए सर्जरी
  • टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन (TESE) या माइक्रो-TESE तकनीक
  • IVF/ICSI जैसी आधुनिक तकनीकें
  • जेनेटिक कारण होने पर विशेषज्ञ काउंसलिंग

Maaeri IVF Centre, नोएडा में उन्नत इलाज

Maaeri IVF Centre, Noida में अनुभवी एंड्रोलॉजिस्ट और IVF विशेषज्ञ द्वारा एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया दोनों का उन्नत स्तर पर इलाज उपलब्ध है। यहां अत्याधुनिक तकनीकों जैसे TESE, PESA, ICSI, IVF का उपयोग किया जाता है जिससे सफल गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

निष्कर्ष

एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया, दोनों ही स्थितियां पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं। सही पहचान और समय पर इलाज से पितृत्व का सपना पूरा किया जा सकता है। अगर आप या आपके परिवार में किसी को ऐसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।

Maaeri IVF Centre, Noida हमेशा आपके साथ है, आपकी खुशहाल परिवार की यात्रा में।

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