पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर अक्सर कई तरह की भ्रांतियाँ और सवाल सामने आते हैं। उनमें से एक आम सवाल है – "क्या बार-बार हस्तमैथुन करने से शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है?" बहुत से पुरुष इस चिंता में रहते हैं कि लगातार हस्तमैथुन करने से उनकी फर्टिलिटी (उर्वरता) या भविष्य में बच्चे पैदा करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है। आइए इस विषय को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विस्तार से समझते हैं।
शरीर में शुक्राणु (Sperm) बनने की प्रक्रिया जिसे Spermatogenesis कहा जाता है, लगभग 64 से 74 दिनों में पूरी होती है। यानी हर दिन शरीर नया और स्वस्थ शुक्राणु बनाता ही रहता है।
इसलिए, बार-बार हस्तमैथुन करने से शुक्राणुओं की संख्या पर दीर्घकालिक नकारात्मक असर नहीं पड़ता।
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हालाँकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि:
अक्सर समाज में यह भ्रांति फैली रहती है कि हस्तमैथुन करने से:
जबकि वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि यह सच नहीं है। परेशानी तब होती है जब पुरुष अपनी यौन आदत को लेकर मानसिक तनाव, अपराधबोध या चिंता पाल लेते हैं। यही तनाव फर्टिलिटी पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकता है।
यदि किसी पुरुष के वीर्य में लगातार कम शुक्राणु पाए जा रहे हैं, तो इसकी वजह हस्तमैथुन नहीं बल्कि अन्य चिकित्सीय कारण हो सकते हैं, जैसे:
यदि आपको लगता है कि:
तो देर ना करें और किसी अनुभवी फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह लें।
Maaeri IVF Centre, Noida में हम पुरुष और स्त्री, दोनों की फर्टिलिटी संबंधी जाँच और उपचार करते हैं। हमारी टीम नवीनतम तकनीक और अनुभवी विशेषज्ञों की मदद से आपको सही निदान और व्यक्तिगत उपचार देती है।
यहाँ आपको मिलती हैं सेवाएँ:
बार-बार हस्तमैथुन करना एक सामान्य और सुरक्षित प्रक्रिया है। इसका शुक्राणुओं की संख्या या पुरुष प्रजनन क्षमता पर कोई स्थायी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। अगर शुक्राणु की संख्या में लगातार कमी देखी जाती है, तो इसके पीछे असली चिकित्सीय कारण तलाशना ज़रूरी है।
Maaeri IVF Centre, Noida में हम आपके सभी सवालों और चिंताओं का समाधान वैज्ञानिक तरीके से करने के लिए हमेशा उपलब्ध हैं।